Monday, August 30, 2021

MilesWeb Review - क्यों आपको MilesWeb की WordPress Hosting पर विचार करना चाहिए

अगर आप ऑनलाइन दुनिया में सफल होना चाहते हैं, तो कई चीजें हैं जिन्हें आपको संतुलित करना होगा। आज, वर्डप्रेस जैसा CMS बाजार में अग्रणी है। इसके बीच, WordPress Hosting आपकी WordPress साइट को ऑनलाइन करने के प्रभावी तरीकों में से एक है।

आपकी वर्डप्रेस साइट एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, इसलिए आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह कुशलतापूर्वक चलती है और उच्चतम प्रदर्शन और गति प्रदान करती है।

प्रसिद्ध ब्रांड अपनी साइटों को पावर देने के लिए वर्डप्रेस का उपयोग करते हैं। कुछ नाम जैसे Disney, SonyMusic, BBC America, Disney, Time Magazine को WordPress में बनाया गया है।

यदि आप अपनी वर्डप्रेस साइटों के लिए सर्वोत्तम परिणामों का अनुभव करना चाहते हैं, तो Managed WordPress Hosting इसमें मदद कर सकती है।

मैनेज्ड सर्वर काफी सस्ते हैं, आपको डेडिकेटेड समर्थन प्रदान करते हैं और आपको वर्डप्रेस साइट में होने वाले खतरों और कमजोरियों से बचाते हैं।

MilesWeb web Hosting उद्योग में उन इक्के में से एक है जो एक बजट पर Managed WordPress Hosting प्रदान करता है।


MilesWeb-Review-क्यों-आपको-MilesWeb-की-WordPress-Hosting-पर-विचार-करना-चाहिए

MilesWeb के बारे में संक्षिप्त जानकारी:-

MilesWeb नासिक स्थित एक वेब होस्टिंग कंपनी है जो लगभग सभी प्रकार के व्यवसायों को Web Hosting सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। MilesWeb सभी प्रकार की वेब होस्टिंग सेवाएं प्रदान करता है जैसे कि Shared, Cloud, Reseller, WordPress, Dedicated सर्वर, Cheap VPS hosting India

MilesWeb 2012 से होस्टिंग उद्योग में है और अपनी स्थापना से सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। MilesWeb के प्रमुख मोर्चे सुपर-फास्ट और किफायती वेब होस्टिंग हैं।

MilesWeb द्वारा सर्वश्रेष्ठ WordPress hosting सेवा का अवलोकन यहां दिया गया है।

MilesWeb के साथ WordPress hosting योजनाओं का अवलोकन:

Our Best WordPress Hosting Plans

MilesWeb छोटे व्यवसायों और उद्यमों के लिए स्तरीय मूल्य निर्धारण प्रदान करता है।

योजनाओं में मुख्य अंतर यह है कि सेवा योजनाओं में मुख्य अंतर यह है कि सेवा के प्रत्येक स्तर के साथ संसाधनों की संख्या में सुधार होता है। साथ ही वर्डप्रेस साइट्स की संख्या को उपयोगकर्ता होस्ट कर सकते हैं

MilesWeb Cheap WordPress hosting India के लिए तीन प्लान पेश करता है: सोलो, प्राइम और मल्टी। सस्ते WordPress hosting का बेसिक प्लान 40 रुपये प्रति माह की कीमत से शुरू होता है।

बेस योजना सोलो में शामिल संसाधन यहां दिए गए हैं:

  • होस्ट 1 वेबसाइट
  • 10 ईमेल एकाउंट्स
  • 1GB SSD डिस्क स्पेस
  • अनलिमिटेड बैंडविड्थ
  • मुफ़्त एसएसएल प्रमाणपत्र
  • वेबसाइट बिल्डर
  • कंट्रोल पैनल+ १ क्लिक इंस्टॉलर
  • वर्डप्रेस ऑप्टीमाइज़्ड
  • 3 MySQL DBs

MilesWeb की WordPress hosting के साथ आपको क्या सुविधाएँ मिलती हैं?

यहां आपको MilesWeb की WordPress hosting के साथ मिलने वाली सुविधाएं दी गई हैं।


आटोमेटिक वर्डप्रेस अपडेट :-

आटोमेटिक वर्डप्रेस अपडेट के साथ, आपको अपडेट को मैन्युअल रूप से जांचने और स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। आपकी साइट के बैकएंड पर सॉफ्टवेयर आटोमेटिक रूप से आपके वर्डप्रेस को नवीनतम संस्करण में अपग्रेड कर देगा।


फास्ट SSD स्टोरेज :-

तेज SSD सर्वर के साथ, आपकी साइट को उच्चतम गति और प्रदर्शन मिलता है। SSD ड्राइव आपको पारंपरिक हार्ड ड्राइव की तुलना में 200% बेहतर प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद करती है।


वर्डप्रेस प्री-कॉन्फ़िगर :-

MilesWeb आपकी साइट मैनेजमेंट की परेशानी मुक्त बनाने के लिए प्री-कॉन्फ़िगर वर्डप्रेस प्रदान करता है। प्रत्येक MilesWeb साइट में वर्डप्रेस इंस्टॉलेशन के लिए प्रमाणित थीम और प्लगइन्स हैं।


सुरक्षित ईमेल :-

MilesWeb की WordPress Hosting योजना के साथ, आपको अनलिमिटेड एकाउंट्स मिलते हैं जिसके माध्यम से आप IMAP/SMTP/POP खातों के साथ अनलिमिटेड ईमेल पते बना सकते हैं।


डेटा केंद्र विकल्प :-

MilesWeb आपको अपनी लक्षित जनसंख्या के अनुसार डेटा केंद्र चुनने की अनुमति देता है। आप डेटा सेंटर के कई स्थानों से डेटा सेंटर चुन सकते हैं। 

MilesWeb का अपना डेटा सेंटर यूएसए, भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और यूके में स्थित है।


मुफ्त एसएसएल सुरक्षा :-

MilesWeb के सुरक्षा विशेषज्ञ लगातार उन खतरों की निगरानी करते हैं जो वर्डप्रेस के लिए विशिष्ट हैं।

वे आपकी वेबसाइट के डेटा को सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्टेड रखने के लिए Let's Encrypt SSL प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं।


वर्डप्रेस होस्टिंग के साथ आपको मिलने वाली विशेष सुविधाएँ

Cloudflare Railgun :-

MilesWeb एक Railgun प्रदान करता है जो सुनिश्चित करता है कि आपके वेब होस्टिंग सर्वर और Cloudflare CDN के बीच कनेक्शन बेहद तेज है।


SFTP एक्सेस :-

SFTP नेटवर्क वाले होस्ट के बीच सुरक्षित तरीके से फ़ाइलों के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है। MilesWeb FTP के बजाय SFTP का पक्षधर है। आप एप्लिकेशन को बाधित फ़ाइल स्थानांतरण को पुनरारंभ करके दूरस्थ फ़ाइल सिस्टम का प्रबंधन भी कर सकते हैं।


दैनिक बैकअप :-

जब आप अपनी वेबसाइट को MilesWeb के सर्वर पर होस्ट करते हैं तो आपको डेटा बैकअप के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन यदि आप दैनिक बैकअप चाहते हैं तो MilesWeb आपसे एक अतिरिक्त शुल्क लेता है।


सर्वर-साइड ऑप्टिमिजाशंस :-

MilesWeb का सर्वर विशेष रूप से कॉन्फ़िगर किया गया है। यह आपकी वेबसाइटों के प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करता है।


क्लोनिंग :-

यदि आप अपनी वर्डप्रेस साइट की एक कॉपी बनाना चाहते हैं, तो यह क्लोनिंग से संभव है। MilesWeb एक 1-क्लिक क्लोनिंग टूल प्रदान करता है। यह आपको कुछ ही सेकंड में अपनी वर्डप्रेस साइट की एक कॉपी बनाने में मदद करता है।


CDN :-

MilesWeb अपने वर्डप्रेस होस्टिंग के साथ CDN सेवा प्रदान करता है। यह दुनिया भर में आपके आगंतुकों की पहुंच बढ़ाने और प्रदर्शन और अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करता है।


पूरी तरह से Managed WordPress Hosting :-

MilesWeb के साथ, आपको पूरी तरह से Managed WordPress Hosting मिलती है। वे ऑप्टीमाइज़्ड WordPress Hosting प्रदान करते हैं। आपको अपने सर्वर के मैनेजमेंट या निगरानी के लिए एक और विचार करने की आवश्यकता नहीं है। वर्डप्रेस विशेषज्ञ टीम द्वारा सर्वर से संबंधित सभी कार्यों का ध्यान रखा जाता है।

आप अपने व्यवसाय को बढ़ाने पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। सर्वर से संबंधित सभी कार्यों का प्रबंधन MilesWeb की विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जाता है।


फ्री वर्डप्रेस माइग्रेशन :-

अगर आप अपनी वर्डप्रेस वेबसाइट को MilesWeb के सर्वर पर स्विच करना चाहते हैं। कोई चिंता नहीं! प्रवासन प्रक्रिया में आपकी सहायता के लिए आंतरिक सहायता टीम 24*7 उपलब्ध है। विशेषज्ञ टीम आपकी वेबसाइट के सभी डेटा को पुराने होस्ट से MilesWeb के नए सर्वर पर माइग्रेट करने का अच्छा ख्याल रखती है। पूरी प्रक्रिया निर्बाध रूप से की जाती है।


WordPress Hosting -प्रदर्शन के लिए बनाया गया :-

MilesWeb की वर्डप्रेस होस्टिंग उच्च प्रदर्शन के लिए बनाई गई है। Managed WordPress Hosting योजनाएं नवीनतम इंटेल ज़ीऑन प्रोसेसर पर SSD स्टोरेज और हार्डवेयर रेड 10 के साथ स्थापित की जाती हैं।


माइल्सवेब 24*7 सपोर्ट :-

अगर आपको कोई तकनीकी समस्या है। कोई चिंता नहीं। MilesWeb उत्कृष्ट ग्राहक सहायता प्रदान करता है। आप सीधे अपने डैशबोर्ड से उनकी पेशेवर सहायता टीम के साथ चैट कर सकते हैं। वे आपकी किसी भी तकनीकी समस्या को हल करने में आपकी सहायता करेंगे।


निष्कर्ष :-

इसलिए, यदि आप अपनी वर्डप्रेस साइट को होस्ट करने की योजना बना रहे हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि MilesWeb सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है जो आपकी वर्डप्रेस साइट को सशक्त और विकसित करने में मदद करेगा।

Sunday, August 29, 2021

PG का फुल फॉर्म क्या होता हैं - PG क्या हैं

PG Full Form, PG Full Form in Hindi, PG Ka Full Form, PG का पूरा नाम, PG क्या हैं, PG का मतलब, PG क्या होता होता हैं, PG का अर्थ, ऐसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल के अंदर मिल जाएंगे। 

क्या आप पीजी का फुल फॉर्म या पीजी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप पीजी से संबंधित जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम पीजी से संबंधित बहुत सी जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। 

मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में पीजी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे, आइए शुरू करते हैं और इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं- 


pg full form, pg full form in hindi, pg ka full form, pg

PG Full Form :-

जब आप हाई स्कूल या इंटर में होते हैं तो आगे की पढ़ाई करने के लिए आपने UG तथा PG के बारे में अवश्य ही सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि UG तथा PG क्या है तथा इसका फुल फॉर्म क्या होता है? 

दोस्तों ये दोनों एक डिग्री कोर्स हैं जिसे हम हिंदी में स्नातक तथा स्नातकोत्तर के नाम से जानते हैं, इस कोर्स को आप 12वीं के बाद ही कर सकते हो। 



PG Ka Full Form :-

PG का फुल फॉर्म "Post Graduate" होता हैं जिसे हम अपनी भाषा में 'पोस्ट ग्रेजुएट' कहते हैं। 

  • P - Post 
  • G - Graduate 

पोस्ट ग्रेजुएट या पीजी एक डिग्री होती हैं जिसे आप स्नातक की डिग्री के बाद ही कर सकते हैं.



PG Full Form in Hindi :-

दोस्तों अबतक आपको पता चल गया होगा की PG का फुल फॉर्म "Post Graduate" होता हैं। Post Graduate को हम हिंदी भाषा में 'पोस्ट ग्रेजुएट' ही कहते हैं।

  • P - Post (पोस्ट)
  • G - Graduate (ग्रेजुएट)



PG का अर्थ :-

दोस्तों ऊपर दी गई जानकारी को पढ़कर अब तक आप को पता चल गया होगा कि PG का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट (Post Graduate) होता हैं।

Post Graduate का हिंदी अर्थ 'स्नातकोत्तर' होता हैं।


PG क्या हैं (What is PG in Hindi) :-

Post Graduate (PG) एक Master Degree Course होता हैं, Post Graduate (PG) को हम स्नातकोत्तर भी कहते हैं, पोस्ट ग्रेजुएशन एक ऐसा कोर्स होता है जिसे आप ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद ही कर सकते है.

पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की समय अवधि 2 साल की होती है अर्थात PG कोर्स 2 साल का कोर्स होता है। PG कोर्स के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज को मास्टर्स कोर्स कहा जाता हैं जैसे Master of Arts (M.A), Master of Science (MSc), Master of Commerce (M.Com) etc एक मास्टर्स कोर्स ही हैं। 

भारत में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्रदान करने वाले बहुत से विश्वविद्यालय तथा संस्थान मौजूद हैं, PG कोर्स की समय अवधि 2 साल की होती हैं तथा इसमें 4 सेमेस्टर होते हैं। 



PG कोर्स की समय-अवधि (Time-Duration) :-

Post Graduate अर्थात PG कोर्स की समयावधि 2 साल की होती हैं, 2 साल के कोर्स में प्रशिक्षण, क्षेत्र कार्य तथा क्रेडिट आवश्यकताओं के आधार पर PG कोर्स के कार्यक्रमों को मुख्य रूप से 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया हैं।


PG डिग्री के लिये योग्यता :-

भारत में ऐसे बहुत से विश्वविद्यालय तथा संस्थान मौजूद हैं जहाँ से आप Post Graduation (PG) का कोर्स कर सकते हैं। 

Post Graduation अर्थात PG करने के लिये आपको पहले ग्रेजुएशन अर्थात स्नातक  में पास होना अनिवार्य होता हैं, यदि आपके पास स्नातक की डिग्री हैं तभी आप स्नातकोत्तर कर सकते हैं अन्यथा नहीं। 

भारत में कई प्रकार के पीजी पाठयक्रम हैं जिनके लिये अलग-अलग प्रकार की योग्यताएं मांगी जाती हैं परंतु ज्यादातर पाठ्यक्रमों के लिए स्नातक की ही डिग्री जाती है। 



स्नातकोत्तर डिग्री के प्रकार : Typs of Post Graduate Degree (PG) :-

स्नातकोत्तर डिग्री में मुख्य चार पाठ्यक्रम, अनुसन्धान डिग्री, रूपांतरण पाठ्यक्रम तथा पेशेवर योग्यताएं सिखायी जाती हैं। 

इन सभी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाते हैं लेकिन कुछ पाठ्यक्रम को एक व्यवसायिक वातावरण में सिखाया जाता हैं। 



1. Taught Courses :-

मास्टर डिग्री तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा इसके दो मुख्य सिखाए गए पाठ्यक्रम है। 

यह कोर्स हमारे स्नातक की डिग्री के बराबर ही होता है जिसमें हमें एक विषय के बारे में जानकारी दी जाती है और उसके बारे में हमें सिखाया जाता है, इसमें आप जो सीखते हैं उसका मूल्यांकन किया जाता है। 

प्लेसमेंट, परियोजनाओं, अनुसंधान परियोजनाओं तथा शोध प्रबंध सहित पाठ्यक्रमों में अन्य पहलू भी हो सकते हैं। 


2. रूपांतरण पाठ्यक्रम (Conversion Courses) :- 

रूपांतरण पाठ्यक्रम को हम क्रैश पाठ्यक्रमों के नाम से भी जानते हैं। 

ये एक गहन लक्षण हैं, इसमें आपको किसी ऐसे विषय में गति देने के लिए तैयार किया जाता है जिसके बारे में आप पहले ही अध्ययन कर चुके हुए होते हैं। 

इस कोर्स के माध्यम से किसी व्यक्ति को एक विशिष्ट व्यवसाय के लिए तैयार किया जाता हैं। 


3. अनुसंधान डिग्री (Research Degrees) :-

अनुसन्धान डिग्री को हमेशा डॉक्टरेक्ट के लिये ही जाना जाता हैं, कुछ मुख्य प्रकार के डॉक्टरेक्ट हैं: DPhils, PHD, एकीकृत PHD, पेशेवर डॉक्टरेट etc. 


4. व्यावसायिक योग्यता :-

व्यावासविक योग्यता वो हैं जो अक्सर ही व्यवहारिक प्रशिक्षण के एक तत्व को शामिल करते हैं।

ये पाठ्यक्रम के किसी विशेष उद्योग से जुड़े होते हैं तथा एक विशेष करियर पथ के लिए प्रासंगिक कौशल को सुधारने तथा विकसित करने में हमारी सहायता के लिये डिजाइन किया गये होते हैं। 



PG डिग्री किन-किन विषयों से होती है :-

दोस्तों वैसे तो PG डिग्री को हम कई प्रकार के विषयों से कर सकते हैं अर्थात PG डिग्री को बहुत से विषयों से किया जा सकता हैं। 

पीजी डिग्री को बहुत से विषयों से किया जा सकता है परंतु यह इस बात पर निर्भर करता है कि छात्र ने Under Graduate (UG) डिग्री किस विषय से की है। 

अगर किसी छात्र ने Under Graduate (UG) डिग्री को आर्ट्स विषय से किया हैं तो उसे Post Graduate (PG) की डिग्री भी आर्ट के ही किसी सब्जेक्ट से करनी होती है, इसी प्रकार से यदि छात्र ने अपना ग्रेजुएशन साइंस या कॉमर्स सब्जेक्ट से किया है तो आपको पोस्ट ग्रेजुएशन भी साइंस या कॉमर्स सब्जेक्ट से ही करना होता है। 

पोस्ट ग्रेजुएशन (Post Graduation) डिग्री जिन विषयों से होती है उनके नाम इस प्रकार से हैं- 

  • Hindi 
  • English
  • Math 
  • Chemistry
  • History
  • Physics
  • Economics
  • Geography
  • Yoga
  • Zoology
  • Psychology

ऊपर दिए गए विषयों में से किसी भी विषय से छात्र 2 साल की समय-अवधि में पीजी डिग्री को कर सकता है।

इन सभी विषयों में से आपकी जिस विषय में रुचि हो पहले आप उस विषय से अपना अंडर ग्रेजुएट (UG) अर्थात ग्रेजुएशन कंप्लीट करें तथा उसके बाद आप उसी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) डिग्री को भी कर सकते हैं। 



प्रमुख पीजी कोर्स (Top PG Courses) :-

कुछ प्रमुख पीजी कोर्सेज के नाम इस प्रकार से हैं- 

  • Master of Arts
  • Master of Law
  • Master of Fine Arts
  • Master of Commerce
  • Master of Engineering
  • Master of Health Science
  • Master of Human Resources Management
  • Master of Business Administration
  • Master of Tourism Administration
  • Master of Labour Management
  • Master of Library Science
  • Master of Communication & Journalism etc.



PG डिग्री कहां से कर सकते हैं :-

PG डिग्री को आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से आसानी से कर सकते हैं, अगर आप पीजी डिग्री को किसी यूनिवर्सिटी से करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उस यूनिवर्सिटी द्वारा करायी जाने वाली प्रवेश परीक्षा को पास करना होता है।

कुछ यूनिवर्सिटी में केवल प्रवेश परीक्षाएं ही होती है परंतु कुछ यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा के बाद इंटरव्यू भी होता है जिसमें पास होना बहुत ही आवश्यक होता है।

इसके अलावा यदि आप बिना कोई प्रवेश परीक्षा तथा इंटरव्यू दिए पीजी डिग्री को करना चाहते हैं तो इसके लिए आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से पीजी डिग्री को कर सकते हैं, वहां पर आपको किसी भी प्रकार की प्रवेश परीक्षा तथा इंटरव्यू नहीं देना पड़ेगा।


TOP 10 PG Medical College :-

इंडिया के कुछ प्रमुख पीजी medical कॉलेजों के नाम इस प्रकार से हैं- 

  • Armed Forces Medical College (AFMC), Pune
  • Christian Medical College (CMC), Vellore
  • Institute of Medical Sciences, Banaras Hindu University, Varanasi
  • Kasturba Medical College, Mangalore
  • King George's Medical University, Lucknow
  • At John's Medical College, Bangalore
  • Grant Medical College, Mumbai
  • Dayanand Medical College and Hospital, Ludhiana
  • BJ Government Medical College, Pune



PG करने के बाद जॉब के अवसर :-

पोस्ट ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद आप सरकारी क्षेत्र तथा प्राइवेट क्षेत्र में जॉब प्राप्त कर सकते हैं, पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद सरकारी क्षेत्र में आप\आप इस तरह की जॉब प्राप्त कर सकते हैं। 

  • रक्षा
  • बैंकिंग क्षेत्र
  • चिकित्सा क्षेत्र
  • शिक्षण क्षेत्र आदि। 
इन सबके अलावा और भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आप जॉब प्राप्त कर सकते हैं। 



UG Ka Full Form :-

UG का फुल फार्म "Under Graduate" होता है, अंडर ग्रेजुएट कोर्स को हम 12वीं के बाद ही कर सकते हैं।

Under Graduate कोर्स 3 साल का होता है, अंडर ग्रेजुएट कोर्स के अंतर्गत बीए, बीएससी, बीटेक आदि जैसे डिग्री कोर्स आते हैं। इस 3 साल के कोर्स को कर लेने के बाद छात्र ग्रेजुएट हो जाते हैं तथा उनको ग्रेजुएट छात्र कहा जाता है। 



UG तथा PG में अंतर :-

UG तथा PG में जो अंतर हैं वो निम्न प्रकार से हैं- 

  • UG का फुल फॉर्म Under Graduate तथा PG का फुल फॉर्म Post Graduate होता हैं। 
  • अंडर ग्रेजुएट कोर्स को हिंदी में स्नातक तथा पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स को हिंदी में स्नातकोत्तर कहा जाता है। 
  • UG को अंडर ग्रेजुएशन या बैचलर डिग्री कहते हैं तथा PG को पोस्ट ग्रेजुएशन या मास्टर डिग्री कहते हैं। 
  • UG कोर्स को 12वीं के बाद किया जाता है तथा PG कोर्स को UG कोर्स के कंप्लीट होने के बाद किया जाता है। 
  • UG कोर्स की समय अवधि 3/4  साल की होती है जबकि PG कोर्स की समय अवधि 2/ साल की होती है। 
  • UG कोर्स के अंतर्गत बीए, बीएससी, बीटेक इत्यादि जैसे कोर्स आते हैं तथा PG कोर्स के अंदर एमए, एमएससी तथा पीएचडी जैसे कोर्स आते हैं। 



FAQ :-

Qus 1: पीजी में कौन कौन से कोर्स आते हैं?

Ans: PG कोर्स के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज को मास्टर्स कोर्स कहा जाता हैं जैसे Master of Arts (M.A), Master of Science (MSc), Master of Commerce (M.Com) etc एक मास्टर्स कोर्स ही हैं।

Qus 2: पोस्ट ग्रेजुएट का मतलब क्या होता है?

Ans: Post Graduate का हिंदी अर्थ या मतलब 'स्नातकोत्तर' होता हैं। 

Qus 3: पीजी डिप्लोमा कोर्स क्या है?

Ans: Post Graduate (PG) एक Master Degree Course होता हैं, Post Graduate (PG) को हम स्नातकोत्तर भी कहते हैं, पोस्ट ग्रेजुएट या पीजी एक डिग्री होती हैं जिसे आप स्नातक की डिग्री के बाद ही कर सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा :- 

आज इस आर्टिकल में हमने PG से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने PG Full form, PG Ka Full Form, PG Full Form in Hindi, PG क्या हैं, PG करने के लिये योग्यता, TOP 10 PG Medical College, PG के बाद जॉब तथा इसके अलावा PG से सम्बंधित और भी बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया।

दोस्तों आपको हमारा यह PG से सम्बंधित आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा जरुर बताये और यदि इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके मन में कोई भी प्रश्न हैं वह भी कमेंट के द्वारा जरुर बताये।

उम्मीद करता हूं दोस्तों हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में PG से संबंधित जितने भी प्रश्न रहे होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे।

दोस्तों आपको यह आर्टिकल pg full form कैसा लगा कमेंट के द्वारा जरूर बताएं और यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं।

यदि आप  इस PG से संबंधित आर्टिकल पर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं, मुझे आपके फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा।

अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर करना ना भूले। 
इस ब्लॉग पर हम रोजाना इसी तरह की जानकारी से भरी एक पोस्ट को पब्लिश करते हैं, इसी प्रकार की जानकारियों को पाने के लिए इस ब्लॉग www.hindima.in पर रोजाना विजिट करते रहें (धन्यवाद)

DM Ka Full Form क्या होता हैं - डीएम कैसे बनें?

इस आर्टिकल में DM Ka Full Form, DM Full Form in Hindi, DM Full Form, डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है, डीएम क्या होता है, डीएम का पूरा नाम, डीएम किसे कहते हैं, डीएम का मतलब, डीएम का अर्थ,डीएम का कार्य, डीएम की सैलेरी, डीएम को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको मिल जाएंगे। 

क्या आप डीएम का फुल फॉर्म या फिर डीएम से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप डीएम से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम डीएम से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं दोस्तों हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में डीएम से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे, आइए शुरू करते हैं और डीएम के बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं- 

dm-full-form

DM Ka Full Form :- 

DM का फुल फॉर्म "District Magistrate" होता हैं जिसे अपनी भाषा में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं। डिस्टिक मजिस्ट्रेट को हम हिंदी भाषा में "जिला मजिस्ट्रेट" के नाम से भी जानते हैं। 

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का एक अधिकारी भी कहते सकते हैं. यें भारत के किसी एक जिले के सामान्य प्रशासन के सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का प्रमुख होता हैं। 


DM Full Form in Hindi :-

दोस्तों जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि DM का फुल फार्म "District Magistrate" होता है जिसे हम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं। 

दोस्तों डीएम को हिंदी में 'जिला मजिस्ट्रेट' के नाम से जाना जाता है तथा "जिला मजिस्ट्रेट" को ही हम डीएम का हिंदी फुल फॉर्म भी कहते हैं। 

D - District (जिला)

M - Magistrate (मजिस्ट्रेट)


DM क्या हैं :- 

District Magistrate यानी DM भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) अर्थात IAS का एक अधिकारी होता हैं जो भारत के किसी एक जिले में सामान्य प्रशासन का सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा प्रमुख होता है। 

जिला मजिस्ट्रेट अधिकारी जिसे डीएम के नाम से भी जानते हैं, यह भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात आईएएस का अधिकारी होता हैं तथा इनके पास भारत के किसी एक जिले के सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का पद होता है। 

भारत में कुल लगभग 718 जिले हैं और इन सभी जिलों का नेतृत्व उस जिले का DM ही करता हैं।जिला मजिस्ट्रेट तथा कलेक्टर किसी एक जिले के मुख्य कार्यकारी होते हैं जो उस जिले के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के जिम्मेदार होते हैं या उस जिले के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाते हैं। 

जिला मजिस्ट्रेट को आप उस जिले का प्रधान आधार भी कह सकते हैं क्योंकि यें जिले के अंदर कार्य करने वाली आधिकारिक एजेंसियों से तालमेल बनाने वाले एक मुख्य एजेंट होते हैं। 


DM किसे कहते हैं :- 

District Magistrate को ही शार्ट भाषा में DM के नाम से जानते हैं, DM वो होता हैं जो कानून व्यवस्था का रखरखाव, पुलिस तथा जेलों की देखरेख इत्यादि जैसे कार्यों को करता हैं।

एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पद बहुत ही बड़ा पद होता हैं इसलिए इनकी जिम्मेदारियां भी बहुत अधिक होती हैं, जिसके बारे में आपको आगे जानने को मिलेगा। 


DM का मतलब :- 

District Magistrate या एक DM अधिकारी किसी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है अर्थात डीएम का पद जिले का सबसे बड़ा पद होता है। जिला मजिस्ट्रेट किसी जिले का एक ऐसा अधिकारी होता है जो जिले में भू-राजस्व के संग्रह के लिये जिम्मेदार होता हैं, DM को हम जिला न्यायाधीश भी कहते हैं। 

दोस्तों प्रत्येक जिले में एक न्यायालय होता है तथा प्रत्येक न्यायालय में एक न्यायाधीश होते हैं, न्यायालय में जो न्यायाधीश होता हैं वह DM ही होता हैं। जिले के न्यायाधीश यानी DM पूरे जिले में सेवा प्रदान करने का काम करता हैं तथा पूरे जिले भर में सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने का प्रयास करता हैं। यही वजह हैं कि DM को जिले का मुखिया भी कहा जाता हैं। 



DM के कार्य :- 

District Magistrate यानि एक DM अधिकारी के बहुत से कार्य होते हैं, इनके जो कार्य होते हैं वो निम्न प्रकार से हैं- 

  • DM का सबसे मुख्य कार्य पूरे जिले भर में कानून व्यवस्था को बनाये रखना होता हैं। 
  • वार्षिक अपराध की रिपोर्ट सरकार को देना DM का ही कार्य होता हैं। 
  • DM का कार्य पुलिस तथा जेलों का निरिक्षण करना भी होता हैं।
  • DM जिले में काम कर रहें विभिन्न प्रकार के Magistrate का भी निरिक्षण करते हैं। 
  • सभी कार्यों की मंडल आयुक्त को जानकारी देना भी DM का ही कार्य होता हैं। 
  • एक DM ऑफिसर, जब मंडल आयुक्त उपस्थित नहीं होते हैं तो जिला विकास प्राधिकरण के पद पर अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। 
इसके अलावा और भी बहुत से कार्य होते हैं जो एक DM के द्वारा किया जाता हैं। 


DM बनने के लिये योग्यता (Eligibility) :- 

DM बनने के लिये कुछ योग्यतायें मांगी जाती हैं, यदि आपके पास वो सारी योग्यताएं होती हैं तभी आप DM बनने के योग्य होते हैं। आइए जानते हैं डीएम बनने के लिए हमसे कौन-कौन सी योग्यताएं मांगी जाती है-


1. शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) :- 

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम पद के उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास की गई ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए अर्थात डीएम पद के उम्मीदवारों के पास किसी की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास की गयी स्नातक की डिग्री होनी चाहिए


2. आयु सीमा (Age Limit) :- 

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अर्थात डीएम पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए अर्थात डीएम पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के मध्य में होनी चाहिए। 

ओबीसी वर्ग के लोगों के उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 33 वर्ष रखी गयी हैं। SC/ST वर्ग के लोगों के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 35 वर्ष रखी गई है। 



DM कैसे बनें :- 

दोस्तों डीएम बनना लगभग सभी विद्यार्थियों का सपना होता है, शायद डीएम बनना आपका भी सपना हो। परंतु क्या आपको पता है कि आप डीएम कैसे बन सकते हैं? 

दोस्तों डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है तथा इसके अलावा आपको TOP 100 में अपनी रैंक लानी पड़ती हैं। 

इस परीक्षा में पास होकर आप भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS) बन जाएंगे तथा इसी पद पर काम करते हुए एक या दो पदोन्नति के बाद आपको किसी एक जिले का डीएम बना दिया जाता हैं। 



DM का परीक्षा पैटर्न (DM Exam Pattern) :- 

दोस्तों डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम की परीक्षा को तीन चरण में बांटा गया है, जो कि निम्न प्रकार से हैं- 


1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) :- 

डीएम पद के उम्मीदवार को सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती है, प्रारंभिक परीक्षा लिखित परीक्षा होती है जिसमें अभ्यार्थियों को एक निश्चित समय में दिए गए प्रश्नों को हल करना होता है।

प्रथम चरण की परीक्षा को ही प्रारंभिक परीक्षा देते हैं, प्रारंभिक परीक्षा को पास कर लेने के बाद ही अभ्यार्थी इसके दूसरे चरण की परीक्षा में जाने के योग्य के होते हैं। 


2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam) :- 

प्रथम चरण यानी प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद अभ्यार्थियों से दूसरे चरण की परीक्षा ली जाती है, यह परीक्षा भी एक लिखित परीक्षा होती है जिसमें अभ्यार्थियों से कुछ प्रश्न किए जाते हैं जिसको हल करने के लिए एक निश्चित समय भी दिया जाता है। 

तीसरे चरण की परीक्षा में जाने के लिए आपको पहले दोनों चरणों की परीक्षाओं को पास करना होता है, यदि आप पहले तथा दूसरे चरण की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं तभी आप तीसरे चरण की परीक्षा में जाने के लिए योग्य होते हैं। 


3. साक्षात्कार (Interview) :- 

पहले दोनों चरणों की परीक्षाओं को पास कर लेने के बाद अभ्यार्थियों को तीसरे चरण की परीक्षा के लिए बुलाया जाता है, तीसरे चरण की परीक्षा में अभ्यार्थी से मौखिक प्रश्न किये जाते हैं अर्थात तीसरे चरण की परीक्षा साक्षात्कार होती है जिसमें अभ्यार्थियों से कुछ मौखिक प्रश्न किए जाते हैं। 

इस परीक्षा में पूछे जाने वाले मौखिक प्रश्नों के उत्तर आपको देना होता है। इन तीनों चरणों की परीक्षाओं के आधार पर ही अभ्यार्थियों को इस पद के लिए नियुक्त किया जाता है। 



तैयारी कैसे करें :-

आप DM की परीक्षा की तैयारी किस तरह से कर सकते हैं आइये इसके बारे में जानते हैं- 

  • डीएम परीक्षा की तैयारी के लिए आपको सबसे पहले एक स्ट्रेटजी तैयार करनी है, जिसे आप किसी एक्सपर्ट की मदद से भी कर सकते हैं। 
  • डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपको अपने जनरल नॉलेज को बढ़ाना होगा, इसके लिए आप रोजाना न्यूज़पेपर तथा बुक को पढ़ें। 
  • डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपको कानून के बारे में भी पढ़ना चाहिए तथा कानून के बारे में अच्छी खासी जानकारी हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।
  • आपको डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए इसके पास्ट ईयर के प्रश्न पत्र को देखना चाहिए तथा उसे समझना चाहिए और उसी के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए, इससे आपको बहुत ज्यादा ही फायदा होगा। 
  • आपको ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग करके नई नई जानकारियों को प्राप्त करना चाहिए, आपको पता ही होगा कि आज का समय डिजिटल युग हो गया है आज के समय में आपको इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाएगा इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग करें और नई नई जानकारियों को प्राप्त करते रहें। 
इस तरह से आप डीएम परीक्षा की तैयारी बहुत ही अच्छे प्रकार से कर पाएंगे तथा मैं उम्मीद करता हूं इस तरह से पढ़ाई करके आप सफलता भी प्राप्त कर पाएंगे। 



DM कि सैलरी :- 

दोस्तों एक डीएम ऑफिसर पूरे जिले का मुख्य अधिकारी होता है तथा एक डीएम ऑफिसर की बहुत सारी जिम्मेदारियां भी होती है इसीलिए इन्हें एक अच्छी-खासी सैलरी भी दी जाती है। 

दोस्तों DM को प्रतिमाह 75000 से 150000 रुपए के मध्य में सैलरी प्रदान की जाती है, दोस्तों डीएम एक आईएएस अधिकारी होता है इसलिए डीएम की सैलरी भी इसी के अंतर्गत ही आती है। 

Salary - (75000-15000) रुपए / प्रतिमाह 

इसके अलावा डीएम को एक अच्छी-खासी सैलरी के साथ-साथ और भी बहुत सी सुविधाएं प्रदान की जाती है, आइए जानते हैं कि डीएम को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जाती है। 



DM को दी जाने वाली सुविधाएं :- 

डीएम को एक अच्छी सैलरी के साथ-साथ और भी बहुत सी सुविधाएं दी जाती है, डीएम को जो अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती है वो निम्न प्रकार से हैं-

  • डीएम को रहने के लिए एक सरकारी बंगला दिया जाता है।
  • डीएम को आने जाने करने के लिए एक गाड़ी तथा ड्राइवर भी दिया जाता है।
ऐसे ही और बहुत सी सुविधाएं हैं जो डीएम को दी जाती है। 



DM के कुछ अन्य फुल फॉर्म्स :-

डीएम के बहुत से फुल फॉर्म्स होते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-

  • DM - Device Manager
  • DM - Discrete Mathematics
  • DM - Dual Mode
  • DM - Direct Mail
  • DM - Digital Media
  • DM - Direct Message
  • DM - Desease Management
  • DM - Drink Maker
  • DM - Diamond Mine
  • DM - Docking Module
  • DM - Decision Maker
  • DM - Direct Modulation
  • DM - Display Message
  • DM - Direct Marketing
  • DM - Digital Marketing
  • DM - Discussion Meeting etc.

इन सबके अलावा डीएम के और भी बहुत है फुल फॉर्म्स होते हैं। 


FAQ :-

Qus 1: डीएम का अर्थ क्या होता है?

Ans: DM का फुल फार्म "District Magistrate" होता है, District Magistrate को हिंदी में 'जिला मजिस्ट्रेट' के नाम से जाना जाता हैं। 

Qus 2: डीएम की कौन सी पोस्ट होती है?

Ans: DM भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात IAS का एक अधिकारी होता हैं, DM एक जिले में सामान्य प्रशासन का सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा प्रमुख होता है। 

Qus 3: एस डी एम का फुल फॉर्म क्या है?

Ans: SDM का फुल फार्म "Sub Divisional Magistrate" होता है।

आज आपने क्या सीखा :- 

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हमने डीएम से संबंधित बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने डीएम का फुल फॉर्म, डीएम क्या है, डीएम किसे कहते हैं, डीएम का मतलब, डीएम का कार्य, डीएम की सैलेरी, डीएम को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं तथा इसके अलावा डीएम से संबंधित और भी बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया। 

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल DM Ka Full Form को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको डीएम से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई होंगी तथा मैं आशा करता हूं दोस्तों आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आए थे। 

दोस्तों हमारा यह DM से सम्बंधित आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट के द्वारा जरूर बताएं। यदि आप हमारे इस डीएम से संबंधित आर्टिकल पर हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट के द्वारा जरूर बताएं, दोस्तों मुझे आपके फीडबैक का इंतजार बेसब्री से रहेगा। 

अगर हमारे द्वारा दी गई यह डीएम से संबंधित जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर करना ना भूलें। इसी तरह की और जानकारियों को पाने के लिए हमारे इस ब्लॉग www.Hindima.in पर रोजाना विजिट करते रहें  (धन्यवाद)

PGDCA Ka Full Form क्या होता हैं - PGDCA क्या हैं

PGDCA Ka Full Form, PGDCA क्या हैं, PGDCA Full Form in Hindi, PGDCA कोर्स फीस, पीजीडीसीए का पूरा नाम, PGDCA का हिंदी में अर्थ इत्यादि जैसे प्रश्नों का उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।

क्या आप PGDCA से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर के लिए हमारे ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप पीजीडीसीए से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हो। 

आज इस आर्टिकल में हम पीजीडीसीए से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में पीजीडीसीए से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे।

आइए फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं और पीजीडीसीए के बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं-


pgdca-full-form

PGDCA Ka Full Form :-

PGDCA का फुल फॉर्म "Post Graduate Diploma in Computer Application" होता हैं, जिसे हम हिंदी भाषा में 'कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा' भी कहते हैं।


PGDCA Full Form in Hindi :-

PGDCA का फुल फॉर्म 'Post Graduate Diploma in Computer Application' होता हैं। जिसको हम सभी लोग हिंदी में 'कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा' भी कहते हैं यह इसके इंग्लिश फुल फॉर्म का हिंदी ट्रांसलेट होता है।



PGDCA क्या होता हैं :-

पीजीडीसीए कंप्यूटर कोर्स होता है जिसका पूरा नाम psot graduate diploma in computer application होता हैं, जो छात्र कम्प्यूटर के क्षेत्र में रुचि रखते हैं तथा कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं यह कोर्स मुख्यता उन्हीं छात्रों के लिए बनाया गया है। 

यह कोर्स 1 साल का कोर्स होता है इस कोर्स को करने के बाद जब भी कहीं पर कंप्यूटर डिप्लोमा मांगा जाता है तो आप वहां पर इसको दिखा सकते हैं। यह कोर्स DCA  तथा ADCA कोर्स  ही भिन्न होता हैं। 

पीजीडीसीए कोर्स को आप ग्रेजुएशन के बाद ही कर सकते हैं, आपने चाहे जिस भी सब्जेक्ट से अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया हो आप इस कोर्स को कर सकते हैं।


PGDCA कोर्स की समय अवधि (Time Duration) :-

पीजीडीसीए कोर्स 1 साल का होता है जो की दो भागों में पूरा करवाया जाता हैं अर्थात इस कोर्स में 2 सेमेस्टर होते हैं। पहला सेमेस्टर 6 माह का तथा दूसरा सेमेस्टर भी 6 माह का ही होता हैं, दोनों सेमेस्टर में अलग-अलग चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है। 



PGDCA कोर्स करने के लिये योग्यता (Eligibility Criteria) :-

पीजीडीसीए का कोर्स करने के लिए जो योग्यता मानी जाती है इस प्रकार से हैं- 

  • पीजीडीसीए का कोर्स करने के लिए आपका कम से कम ग्रेजुएशन कंप्लीट होना चाहिए, यदि आपका ग्रेजुएशन कंप्लीट है तभी आप इस कोर्स को कर पाएंगे अन्यथा नहीं कर पाएंगे। 
  • कुछ यूनिवर्सिटी में इस कोर्स को करने के लिये आपका ग्रेजुएशन मैथमेटिक्स सब्जेक्ट से मांगा जाता है, तथा ग्रेजुएशन में आप का कम से कम 50% मार्क भी मांगा जाता है। सभी यूनिवर्सिटी में ऐसी योग्यता नहीं मांगी जाती है परंतु किसी-किसी यूनिवर्सिटी में आपसे ये योग्यता भी मांगी जाती है।


PGDCA कोर्स की फीस (Fee) :-

पीजीडीसीए कोर्स की फीस इस बात पर निर्भर करती है कि आप जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी से पीजीडीसीए का कोर्स कर रहे हैं उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी वाले आपको कौन सी सुविधा दे रहे हैं तथा वहां पर पढ़ाई कैसी होती है।

इंटरनेट पर ऑनलाइन आपको यह कोई नहीं बता सकता है कि पीजीडीसीए कोर्स करने में आपकी कितनी फीस लगेगी अगर आपको पीजीडीसीए कोर्स की फीस पता करनी है तो आप अपने किसी नजदीकी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से जहां पर पीजीडीसीए का कोर्स करवाया जाता है वहां पर जाकर पता कर सकते हैं। 

अगर बात करें इस कोर्स की औसतन फीस की तो इस कोर्स को करने में (10k-20k)/सेमेस्टर की दर से फीस लगती हैं।


PGDCA औसतन फीस - 

इस कोर्स में कुल 2 सेमेस्टर होते हैं यदि एक सेमेस्ट की फीस (10k-20k) हैं तो दोनों मिलाकर इसकी औसतन फीस (20k-40k)रूपये होंगी। 

  • औसतन मासिक फीस - (10k-20k)/सेमेस्टर 
  • औसतन वार्षिक  फीस - (20k-40k)रूपये.

PGDCA कोर्स के फायदे :-

पीजीडीसीए कोर्स के बहुत से फायदे होते हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं- 

  • पीजीडीसीए का कोर्स करने से हमें कंप्यूटर के बारे में basic knowledge से लेकर advanced lavel तक की  knowledge हों जाती हैं।
  • पीजीडीसीए का कोर्स करने से government job तथा private job में फायदा मिलता हैं। 
  • पीजीडीसीए का कोर्स करने के बाद हम MCA तथा MBA जैसे कोर्स में सीधे प्रवेश के योग्य हों जाते हैं। 
  • कुछ-कुछ यूनिवर्सिटी में पीजीडीसीए कोर्स करने के बाद जब हम बीसीए तथा एमसीए जैसे कोर्सेज में प्रवेश लेते हैं तो सीधे तीसरे सेमेस्टर में प्रवेश मिलता है। 
  • पीजीडीसीए का कोर्स करने के बाद आप अपना खुद का कंप्यूटर सेंटर या कोचिंग सेंटर को भी खोल सकते हैं और छात्रों को पढ़ा सकते हैं।


PGDCA कोर्स का उद्देश्य :-

PGDCA कोर्स का उद्देश्य कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में विशेष परीक्षण देना तथा छात्रों में technical knowledge और कम्युनिकेशन स्किल को विकसित करना है। 

इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र IT company, banking fields तथा मनोरंजन के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। 



PGDCA कोर्स के सिलेबस :- 

PGDCA कोर्स का सिलेबस क्या हैं, इस कोर्स में क्या क्या पढ़ाया जाता है आइये अब इसके बारे में जानते हैं, PGDCA का सिलेबस इस तरह हैं- 

  • ICT Tools
  • Computer Organization & Architecture 
  • C Programming 
  • Operating System 
  • Object Oriented Programming using C++
  • Soft Skills Development
  • Management Process & OB 
  • Data Structures 
  • Java
  • Database Management System (DBMS)
  • Project etc.


PGDCA कहाँ से करें :-

बहुत-सी ऐसी यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज है जहां से आप पीजीडीसीए का कोर्स आसानी से कर सकते हैं, कुछ प्रमुख यूनिवर्सिटी/कॉलेज जहां से आप पीजीडीसीए कोर्स कर सकते हैं वो इस प्रकार से हैं- 

  • Sikkim Manipal University 
  • Punjab National University 
  • Makhanlal Chaturvedi University 
  • IGNOU
  • GNU
  • Aisect
इन सबके अलावा और भी बहुत सी यूनिवर्सिटी है जहां से आप पीजीडीसीए का कोर्स कर सकते हैं।


PGDCA के बाद रोजगार के क्षेत्र :-

पीजीडीसीए कोर्स करने के बाद आप जिन क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं वह कुछ इस प्रकार से है- 

  • AXA
  • Axience
  • Mankind Pharma Ltd
  • Kinapse
  • Academic Inst
  • Public Health Foundation of India etc.
पीजीडीसीए कोर्स के बाद आप ऊपर दिए गए निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं तथा इसके अलावा और भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आप रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। 


PGDCA के बाद कौनसी नौकरी मिलेगी (Job Profile) :-

पीजीडीसीए कोर्स के बाद आपकी जॉब प्रोफाइल कुछ इस प्रकार से होंगी- 

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर
  • कंप्यूटर ऑपरेटर
  • अकाउंटेंट
  • ऑफिस असिस्टेंट
  • एप्लीकेशन विशेषज्ञ
  • मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपर
  • डेटाबेस व्यवस्थापक
  • नेटवर्क सिस्टम तथा डाटा संचार विश्लेषक
  • कंप्यूटर सिस्टम विश्लेषक
इसके अलावा और भी बहुत-सी नौकरियां ऐसी है जहां पर आप पीजीडीसीए कोर्स के बाद रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।


PGDCA के बाद का वेतन (Salary) :-

पीजीडीसीए कोर्स के बाद जब आप कहीं पर जॉब करते हैं तो आपको वहां पर कितनी सैलरी दी जाती है यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां पर जॉब करते हैं तथा किस प्रकार की जॉब करते हैं। 

जैसा कि मैंने ऊपर आपको बताया कि पीजीडीसीए कोर्स के बाद बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ पर आप जॉब प्राप्त कर सकते हैं, इसके मुताबिक इस कोर्स को करने के बाद आपको भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में जॉब मिलती है।


1. औसतन वार्षिक सैलरी :-

इसकी हम कोई फिक्स सैलरी तो नहीं बता सकते परंतु औसतन सैलरी की बात करें तो पीजीडीसीए के बाद जब आप कहीं पर जॉब करते हैं तो वहां पर आपको औसतन  (3-7)लाख रूपये/वर्ष की दर से सैलरी दी जाती हैं। 


औसतन वार्षिक सैलरी - (3 लाख-7 लाख)/वर्ष 

2. औसतन मासिक सैलरी :-

इस कोर्स को कर लेने के बाद यदि मासिक सैलरी की बात की जाए तो इस कोर्स को करने के बाद जब आप कहीं पर जॉब करते हैं तो वहां पर आपको (20k-40k)रुपए/माह की दर से सैलरी दी जाती है, जैसे-जैसे आप का एक्सपीरियंस बढ़ता है वैसे वैसे आपकी सैलरी में भी वृद्धि होती रहती है। 


औसतन मासिक सैलरी - (20k-40k )रूपये /माह 


FAQ :-

Qus 1: पीजीडीसीए की फुल फॉर्म क्या है?

Ans: PGDCA का फुल फॉर्म "Post Graduate Diploma in Computer Application" होता हैं।

Qus 2: Pgdca course क्या है?

Ans: जो छात्र कम्प्यूटर के क्षेत्र में रुचि रखते हैं तथा कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं PGDCA कोर्स मुख्यता उन्हीं छात्रों के लिए बनाया गया है। 

Qus 3: पीजीडीसीए की फीस कितनी होती है?

Ans: इस कोर्स की औसतन फीस (10k-20k)/ सेमेस्टर होती हैं।

Qus 4: पीजीडीसीए में कौन कौन सब्जेक्ट होते हैं?

Ans: PGDCA के विषयों के नाम निम्न प्रकार से हैं-
  • ICT Tools
  • Computer Organization & Architecture 
  • C Programming 
  • Operating System 
  • Object Oriented Programming using C++
  • Soft Skills Development
  • Management Process & OB 
  • Data Structures 
  • Java
  • Database Management System (DBMS)
  • Project etc.


निष्कर्ष :-

इस आर्टिकल को पढ़कर यही निष्कर्ष निकलता है कि जो छात्र कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं या आगे कंप्यूटर की फील्ड में जॉब करना चाहते है उनके लिए पीजीडीसीए का कोर्स एक अच्छा कोर्स हैं, इस कोर्स को कर लेने के बाद वे न केवल कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं बल्कि कहीं पर जॉब करके एक अच्छी-खासी सैलरी भी प्राप्त कर सकते हैं।


आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने पीजीडीसीए से संबंधित बहुत प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने पीजीडीसीए का फुल फॉर्म, पीजीडीसीए क्या है, पीजीडीसीए करने में कितना समय लगता है, इसको करने के लिए योग्यता, इसको करने के लाभ, इसको कर लेने के बाद जॉब प्रोफाइल तथा सैलरी इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की। 

आशा करता हूं दोस्तों हमारा यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा तथा हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपको आपके उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिस प्रश्न के उत्तर के लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आए थे। 

दोस्तों हमारा यह आर्टिकल pgdca ka full form आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। 

यदि आप हमारे आर्टिकल से संबंधित हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं या आप हमसे बात करना चाहते हैं तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, मुझे आपके फीडबैक का इंतजार रहेगा। अगर हमारा यह आर्टिकल pgdca ka full form आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी शेयर करें (धन्यवाद)

Saturday, August 28, 2021

NEET का फुल फॉर्म - NEET क्या हैं

क्या आप neet ka full form जानते हैं? बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन्होंने इसके बारे में सुना तो होगा परंतु इसके फुल फॉर्म के बारे में नहीं पता होगा तथा यह भी नहीं पता होगा कि neet होता क्या है।

क्या आप neet ka full form या neet से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं। यदि आप neet से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम neet से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं, बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में neet से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं और neet के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं-


neet-full-form

NEET Ka Full Form :-

Neet का फुल फॉर्म "National Eligibility-cum Entrance Test" होता हैं, जिसको हिंदी में 'राष्ट्रीय पात्रता-सह प्रवेश परीक्षा' भी कहते हैं।

NEET भारत में मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े कोर्सेज जैसे MBBS और BDS आदि में प्रवेश लेने के लिये एक एंट्रेंस एग्जाम होता हैं, इस एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेने के बाद आपको इन सारे कोर्सेज में आसानी से एडमिशन मिल जाता है।



नीट का फुल फॉर्म :- 

नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी-कम एंट्रेंस टेस्ट होता है जिसको हिंदी भाषा में राष्ट्रीय पात्रता-सह प्रवेश परीक्षा कहते हैं।

नीट एक एंट्रेंस एग्जाम होता है जिसको पास कर लेने के बाद आपको मेडिकल के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार कोर्सेज जैसे-एमबीबीएस और बीडीएस आदि में आसानी से एडमिशन मिल जाता है।



NEET क्या हैं :- 

जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी-कम एंट्रेंस टेस्ट होता है जिसे हम हिंदी भाषा में राष्ट्रीय पात्रता-सह प्रवेश परीक्षा भी कहते हैं।

Neet एक एंट्रेंस टेस्ट होता है, जिसे पास कर लेने के बाद जो छात्र मेडिकल के क्षेत्र में जैसे- MBBS, BDS, MS, MD, MDS आदि कोर्सेज को करना चाहते हैं उन स्टूडेंट्स को इन कोर्सेज मे आसानी से एडमिशन मिल जाता हैं। 

नीट के एग्जाम को National Testing Agency  के द्वारा करवाया जाता है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, नीट (NEET) के एग्जाम को ऑर्गेनाइज्ड कराता है। National Testing Agency को हम शार्ट फॉर्म में (NTA) के नाम से भी जानते हैं।



NEET एग्जाम की एप्लीकेशन फीस (application fee) :- 

नीट के एग्जाम की एप्लीकेशन फीस सभी वर्ग के लोगों के लिए अलग अलग होती है जो इस प्रकार से हैं-


1.General Category :- 

जनरल कैटेगरी के लिए इसकी एप्लीकेशन फीस 1500 रूपये होती हैं। 


2. OBC Category :- 

ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए इसकी एप्लीकेशन फीस ₹1400 रखी गई है। 


3. SC/ST/PH :- 

इन वर्ग के लोगों के लिए इसकी एप्लीकेशन फीस ₹800 रखी गई है।



NEET एग्जाम का फॉर्म भरने के लिये उम्र सीमा (Age Limit) :- 

यदि आप Neet का एग्जाम देना चाहते हैं तो उसके लिए आपकी उम्र 17 से 25 साल के मध्य होनी चाहिए अर्थात इसमे ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए आपकी उम्र 17 से 25 साल के मध्य की होनी चाहिए। 

यदि आप SC/ST वर्ग में आते हैं तो आपको 5 साल की छूट मिल जाएगी और आपकी उम्र सीमा 17 से 30 साल के मध्य हो जाती है।


NEET का फॉर्म भरने के लिये योग्यता (Eligibility) :-

यदि आप नीट का ऑनलाइन फॉर्म भरना चाहते हैं आपके पास निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए।

  • आप कम से कम 12th की परीक्षा पास किये हो। 
  • 12th में आपके कम से कम 50% मार्क्स होने चाहिए। 
  • 12th में आपके पास physics, chemistry, biology (PCB) सब्जेक्ट होना अनिवार्य होता हैं।

 


NEET Course कितने साल का होता है ( समय अवधि) :- 

NEET का कोर्स 1 साल का होता हैं, इस कोर्स को पूरा करने में एक साल का समय लग जाता हैं। 


NEET Exam के प्रकार :- 

NEET में दो तरह के एग्जाम होते हैं, जो इस प्रकार हैं- 

  • NEET UG.
  • NEET PG 


1. NEET UG :- 

NEET UG का फुल फॉर्म National Eligibility-Cum Entrance Test "Under Graduate" Course होता हैं। ये एक स्नातक डिग्री होती है, इसमें आप MBBS और BDS कर सकते हैं। 


2. NEET PG :- 

NEET PG का फुल फॉर्म National Eligibility-Cum Entrance Test "Post Graduate" Course होता हैं। एक परा-स्नातक तक डिग्री होती है, इसमें आप MS और MD कर सकते हैं।



NEET Exam Pattern :- 

यह परीक्षा 3 घंटे की होती है, इस परीक्षा में कुल 180 प्रश्न होते हैं और कुल 720 अंक के लिए यह परीक्षा होती है, इसमें एक प्रश्न चार अंक का होता है परंतु यदि आपका एक उत्तर गलत गया तो उसके लिए आपका 1/4 अंक कट कर लिया जाता है अर्थात इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होती है। इस परीक्षा को आप हिंदी, अंग्रेजी आदि भाषाओं में दे सकते हैं। 


NEET की कॉउंसलिंग प्रोसेस :- 

इसकी काउंसलिंग प्रोसेस ऑनलाइन करवाई जाती है और यह  काउंसलिंग प्रोसेस 3 राउंड में पूरी होती है। 

  • Registration 
  • Choose College and Courses
  • College Lock.
इसकी काउंसलिंग प्रोसेस आपकी रैंक के हिसाब से किया जाता है। 



NEET की परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं (Total Attempt) :-

नीट के एग्जाम को आप तीन बार ही दे सकते हैं, आप चाहे जिस केटेगरी के हो आपको केवल तीन बार ही मौका दिया जाता है। NEET के एग्जाम में आपके वर्ग के आधार पर आपको कोई ज्यादा मौका नहीं दिया जाता हैं, यह सभी वर्ग के लोगों के लिए समान ही है अर्थात आप चाहे जिस भी केटेगरी के हो (GEN/OBC/SC/ST) आपको तीन बार ही परीक्षा देने का मौका दिया जाता है।



FAQ :-

Qus 1: NEET का पूरा नाम क्या है?

Ans: Neet का फुल फॉर्म "National Eligibility-cum Entrance Test" होता हैं।

Qus 2: नीट का हिंदी अर्थ क्या होता है?

Ans: Neet का फुल फॉर्म "National Eligibility-cum Entrance Test" होता हैं तथा हिंदी में इसका अर्थ 'पात्रता-सह प्रवेश परीक्षा' ता हैं।

Qus 3: नीट की परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं?

Ans: नीट की परीक्षा आप 3 बार दे सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा :- 

आज इस आर्टिकल में हमने NEET से सम्बंधित बहुत-सी जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने neet ka full form, नीट का फुल फॉर्म इन हिंदी, नीट क्या हैं, नीट के प्रकार तथा इसके अतिरिक्त नीट से सम्बंधित और भी बहुत से प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया। 

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको नीट से सम्बंधित बहुत सी नयी प्रकार की जानकारी प्राप्त हुयी होंगी, मैं आशा करता हूँ कि आपको आपके उस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा जिसके लिये आप हमारे इस ब्लॉग पर आये थे।  

दोस्तों हमारा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताये और यदि हमारे इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके मन मे किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न हैं तो तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बतायें। 

अगर आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं या आप हमसे बात करना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करें, मुझे आपके फीडबैक का इंतजार रहेगा। 

अगर हमारा यह आर्टिकल neet ka full form आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी शेयर करें (धन्यवाद)


एसएमएस (SMS) का फुल फॉर्म - SMS क्या होता हैं।

क्या आप sms ka full form जानते हैं? ऐसे बहुत से लोग होंगे जिनको इसके बारे में पहले से ही पता होगा परंतु बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जिनको इसके बारे में नहीं पता होगा। 

आज के समय में लगभग सभी के पास मोबाइल फोन होते हैं और सभी लोग अपने यार-दोस्त, फैमिली मेंबर या रिश्तेदार को sms जरूर करते हैं। परंतु इसका उपयोग करने के बावजूद भी बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है।

आज इस आर्टिकल में हम sms से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं। अगर आपको sms से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी को प्राप्त करना है तो उसके लिए आप हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। 

मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में sms से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे उन सारे प्रश्नों के उत्तर आपको मिल जाएंगे। 

तो चलिए फिर शुरू करते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं-


sms-full-form

SMS Ka Full Form :- 

SMS का फुल फॉर्म "Short Message Service" होता हैं जिसे हिंदी में "लघु संदेश सेवा" कहते हैं।


SMS Ki Full Form :- 

SMS की फुल फॉर्म Short Message Service होता हैं।


SMS Full Form in Hindi :- 

जैसा की मैंने ऊपर आपको बताया की sms का फुल फॉर्म short message service होता हैं, इसी Short Message Service का हिंदी मतलब लघु संदेश सेवा होता है जिसे हम sms की हिंदी फुल फॉर्म बोलते हैं। sms शब्द की फुल फॉर्म का हिंदी मतलब ही इसका हिंदी फुल फॉर्म होता है।



SMS क्या हैं :- 


sms ka full form


आज के समय में जो भी व्यक्ति मोबाइल फोन चलाता है वो सभी व्यक्ति कहीं ना कहीं sms जरूर करते हैं। SMS एक मैसेजिंग सेवा होती है जिसकी सहायता से दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में टेक्स्ट मैसेज के रूप में एक-दूसरे से बातचीत कर सकते हैं।

आज के समय में सभी को इसके बारे में पता होता है जो व्यक्ति मोबाइल फोन चलाते हैं वह अपने यार-दोस्त, फैमली-मेंबर, रिश्तेदार या किसी और व्यक्ति से बात करने के लिए उनको sms जरूर करते हैं।

SMS दो व्यक्तियों के मध्य कम्युनिकेशन का एक साधन होता है, इसकी सहायता से दो या दो से अधिक व्यक्ति एक दूसरे से कम्युनिकेट करके आसानी से बातचीत कर सकते हैं।

हम एक साधारण मोबाइल फोन, टेलीफोन तथा कंप्यूटर के द्वारा किसी भी व्यक्ति को एसएमएस कर सकते हैं। 
160 Alpha-Numeric-Character इसकी लिमिट होती है अर्थात एक बार में हम 160 अल्फान्यूमैरिक कैरक्टर्स का sms किसी को सेंड कर सकते हैं या फिर किसी दूसरे व्यक्ति से प्राप्त कर सकते हैं। 



SMS का अविष्कार :- 

SMS सुविधा का आविष्कार सन 1984 ईस्वी में Friedhelm Hildebrand तथा Bernard Ghillebaert के द्वारा किया गया था। 

सबसे पहले एसएमएस (sms) का प्रयोग नोकिया कंपनी ने अपने फोन में किया था। उसके बाद धीरे-धीरे सभी मोबाइल कंपनी ने अपने फोन में sms की सुविधा देने लग गई।



SMS किस प्रकार काम करता हैं :- 

Sms को भेजने और प्राप्त करने के लिए सबसे मुख्य चीज नेटवर्क होती है, मतलब की इसका आधार नेटवर्क होता है। यदि आप किसी व्यक्ति को sms करना चाहते हैं तो आपके डिवाइस से sms तभी सेंड होगा जब आपके डिवाइस में नेटवर्क होगा अगर आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं है तो आप इसमें नहीं सेंड कर पाएंगे। 

यदि प्राप्तकर्ता (रिसीवर) के डिवाइस में नेटवर्क नहीं होगा तो उसे तब तक आपका sms नहीं मिलेगा जब तक उसके डिवाइस में नेटवर्क नहीं आ जाता है।

यदि भेजने वाले के पास से sms सेंड हो जाता है तथा प्राप्त करने वाले के डिवाइस में नेटवर्क नहीं होता तो उसे तब तक sms प्राप्त नहीं होगा जब तक उसके डिवाइस में नेटवर्क नहीं आएगा जब उसके डिवाइस में नेटवर्क आएगा तो उसे अपने आप sms प्राप्त हो जाएगा।



SMS के लाभ और हानि :- 

sms से हमें लाभ और हानि दोनों होते हैं क्योंकि जहां पर लाभ होता है वहां पर कोई न कोई हानि जरूर होती है।आइए जानते हैं कि sms से हमें क्या लाभ और क्या हानि होती है-


SMS के लाभ :- 

SMS से हमें जो लाभ होते हैं वह कुछ इस प्रकार से हैं-

  • इसका उपयोग करना बहुत ही आसान है। 
  • किसी को sms करने के लिए सिर्फ उसका मोबाइल नंबर चाहिए होता है यदि आपको उसका मोबाइल नंबर पता है तो आप उसे बहुत ही आसानी से sms कर सकते हैं। 
  • यह सुविधा सभी फ़ोन में उपलब्ध होती है जरूरी नहीं कि आपके पास स्मार्टफोन ही होना चाहिए आप इसको साधारण वाले फ़ोन से भी कर सकते हैं। 
  • इसका उपयोग करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती है या सभी फोन में पहले से ही उपलब्ध होता है। 
  • SMS की सर्विस बहुत ही तेज होती है यदि दोनों के मोबाइल में नेटवर्क अच्छा है तो यह पल-भर में ही डिलीवर हो जाता है।

SMS से हानियां :- 

इससे हमें जो हानि होती है वह कुछ इस प्रकार से है-

  • इसमें हमें ज्यादा सिक्योरिटी प्रदान नहीं की जाती है इसीलिए हमारे डाटा चोरी होने की भी संभावना होती है।
  • यदि आप एक साथ बहुत सारे sms भेजते हैं तो कंट्रोलर को ओवरलोडिंग की दिक्कत आ जाती है और वह आपके मोबाइल में आने वाले सभी कॉल को एक निश्चित समय के लिए रोक भी सकता है।



आज आपने क्या सीखा :- 

आज इस आर्टिकल में हमने sms से संबंधित लगभग सभी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने एसएमएस का फुल फॉर्म, sms क्या है तथा इसके अलावा sms से संबंधित और भी बहुत से प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया। 

अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको sms से संबंधित बहुत सी जानकारी प्राप्त हुईं होगी। 

दोस्तों हमारा यह आर्टिकल sms ka full form आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं या आप हमसे बात करना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, मुझे आपके फ़ीडबैक का इंतजार रहेगा। 

अगर हमारा यह आर्टिकल sms ka full form आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी शेयर करें (धन्यवाद)